"सैर कर ले ग़ाफ़िल जिन्दगानी फिर कहाँ,
जिन्दगानी गर रही तो नौ जवानी फिर कहाँ "
- ग़ाफ़िल
मैदानी इलाकों में जब पारा 45 तक चढ़ चुका होता है और मौसम में व्याप्त आद्रता आपके तन-बदन में मिल कर जीवन बेहद कठिन बना देती है। ऐसे समय में पहाड़ो का जीवन जीने की इच्छा बलवती जरूर होती है। जब बात पहाड़ो की शुरू होती है ऐसे में देवभूमि हिमाँचल की याद आना तय है। मैदानी इलाको में सूरज की चढ़ती त्योंरियों के साथ पहाड़ो का रुख करने का चलन लम्बे अर्से से चला आ रहा है। जाहिर है जब इन्सान अपनी जरूरत पूरी करने के लिये जब कहीं जाता है तो अपनी आराम तलब प्रवृत्ति के कुछ निशान अपने पीछे जरूर छोड़ जरूर आता है। इसी इन्सानी फितरत ने पहाड़ो को भी अपना शिकार बनाया है। आप किसी भी चर्चित हिल स्टेशन पर चले जाये, "ऊटी","शिमला","मनाली" इन सब जगहों पर आदमी अपने आवागमन के कई निशान छोड़ गया है जिसने व्यावसायिकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्रकृति को भी उतना पवित्र और प्राकृतिक नहीं रहने दिया। लीक से हट कर चलने की प्रवृत्ति यदि आपमें है। और एक ऐसा हिल स्टेशन चुनना चाहते है जहाँ मौसम का मादक मिजाज शान्ति के लम्हे अपने साथ समेटे हुये हो तो यकीनन आपकी तलाश हिमाँचल प्रदेश के सोलन जिले के कसौली में खत्म हो सकती है। समुद्र तल से लगभग 6110 फ़ीट की उँचाई पर बसे हिल स्टेशन कसौली में आनन्द का मूल श्रोत यहाँ की व्यावसायिक न हो पाने की प्रवृत्ति भी है।
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Milestone @ Kasauli |
कसौली से जुड़े कुछ तथ्य
वैसे तो कसौली कई कारणों से भी जाना जाता है। इतिहास में एक किंवदन्ती है की जब हनुमान जी संजीवनी बूटी की खोज में निकले थे तो उन्होंने कसौली में भी एक कदम रखा था। जाहिर है की ये केवल एक किंवदन्ती ही है क्यों की इस प्रमाणिकता कर पाना सम्भव नहीं है।जाने माने कहानीकार "रस्किन बॉन्ड" का जन्म भी कसौली की हसीन वादियों में हुआ था। "रस्किन बॉन्ड" को लगभग हम सभी में अपने पाठ्यक्रम में पढ़ा है। जाने माने पत्रकार और लेखक खुशवन्त सिंह का आवास यहाँ स्थित है। वो अक्सर अपना लेखन कार्य करने हेतु कसौली की वादियों में आया करते थे। वैसे कसौली कोन्टोमेंट है।
कसौली का यात्रा मार्ग
- चण्डीगढ़ से सड़क मार्ग पर लगभग 55 -60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कसौली है।
- सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है "कालका" . कालका से कसौली की दूरी 27 से 30 किलोमीटर।
कालका तक उत्तर भारत वाली कई ट्रेंस डायरेक्ट जाती है। दिल्ली से चलने वाली "कालका शताब्दी", हावड़ा से चलने वाली "कालका एक्सप्रेस" तो दिल्ली के रस्ते से आती है कुछ मुख्य ट्रेन है।
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कसौली में लगा एक दिशा निर्देशक : दिखायी गयी दूरियाँ हवाई मार्ग की है |
- हवाई मार्ग से चण्डीगढ़ एयरपोर्ट से आना बेहतर है वैसे भुंतर एयरपोर्ट से भी एक विकल्प है किन्तु वह सड़क मार्ग से दूर भी है और निःसंदेह भुन्तर हवाई टिकट का किराया भी ज्यादा ही होगा।
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कसौली से चण्डीगढ़ की दूरी ५५-६० कम है |
सड़क मार्ग से यात्रा विवरण
राष्ट्रीय राजमार्ग -22 दिल्ली से होता हुआ चण्डीगढ़ के सीमावर्ती जीरकपुर, पंचकुला होता हुआ शिमला की ओर अग्रसर होता है। जीरकपुर से परवाणु तक बेहद ही उम्दा किस्म की का हाईवे बना हुआ है। इसे हिमालयन एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाता है। इस हाईवे तो लगभग १ वर्ष पहले ही बनाया गया है ये पहाड़ी रास्ते को काट कर बनाया गया है। यह पिंजौर और कालका के हाई ट्रैफिक एरिया को बाईपास करने में मदद करता है। इस हाईवे पर गति सीमा का पालन अति आवश्यक है। इस हाईवे को पार करने के बाद पहाड़ी रास्ता शुरू ये रास्ता आपको ये अहसास दिलाने के लिये काफी है की आप प्रकृति की गोद में है। रास्ते के दोनों ओर "चीड़" के पेड़ो की भरमार है और पहाड़ो के घुमावदार रस्ते के बीच खाइयो के विहंगम दृश्य है। रास्ते में बन्दरों के झुण्ड खाने की तलाश में भटकते हुये मिल ही जाते। लगभग हर किस्म के बन्दर। जब आप इस रास्ते से गुजर रहे होगे तो देश की धरोहर बन चुके " नैरोगेज" रेल का मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग -२२ को लम्बवत काटता हुआ मिल जायेगा। ये अहसास करा देगा की आप कसौली नहीं इतिहास के पन्नो पर घूम रहे है। हर पल कुछ नया रचते हुये कुछ नया लिखते हुये आगे बढ़ रहे है। चूँकि आप राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहे होगे अतैव सड़के दुरुस्त ही मिलेगी आपको। परवाणु से करीब २० किलोमीटर स्थित है धरमपुर। धरमपुर में भारत में निर्मित वाइन की दुकानो की एक लम्बी फेहरिस्त है। वाइन के साथ फलो से बनने वाले नाना प्रकार के भोज्य पदार्थ यहाँ उपलब्ध होते है। खुर्मानी, सेव, चेरी इत्यादि पहाड़ी फल बहुतायत मात्रा में यहाँ मिलते है। धरमपुर गये तो ज्ञानी जी के ढाबे पर तो आपको रुकना ही पड़ेगा। पर आप शुद्ध वेजिटेरिअन है तो ज्ञानी जी आपकी मदद नहीं कर पायेगे आपको दूसरे ढाबे की तलाश करनी पड़ेगी। धरमपुर शिमला और चण्डीगढ़ में लगभग मध्य में स्थित होने के कारण पर्यटकों के विश्राम हेतु बेहद ही उम्दा जगह है। अब धरमपुर का दामन भी आधुनिकता ने पकड़ लिया है। यहाँ कैफ़े कॉफी डे से लेकर कई मशहूर ब्रांड्स के खाने पीने की दुकाने मिल जायेगी।
धरमपुर से कसौली का रास्ता राजमार्ग से अलग हो जाता है। लगभग १२-१३ किलोमीटर का ये रास्ता ड्राइविंग के लिये थोड़ा सा मुश्किल होगा। इस रास्ते में कई जाने माने बोर्डिंग स्कूल के दिशा निर्देशक आपको रास्ता बताते हुये मिल जायेगे। कसौली में प्रवेश के पहले पहाड़ो में घर का सपना दिखाते हुये कुछ अपार्टमेंट में विज्ञापन भी मिल जायेगे।
कसौली में प्रवेश करते ही आपसे 50 -60 रुपये का टैक्स वसूला जायेगा। तत्पश्चात आप कसौली के अन्दर घूमने के लिये स्वतन्त्र हो जायेगे।
यदि आप निरुद्देश्य ३-४ किलोमीटर की वाक पर जाना चाहते है अपने किसी अजीज़ के साथ शान्ति के वातवरण और मौसम के अजीमोशान अंदाज़ के पोषण करते हुये तो यकीनन कसौली में आपकी तलाश पूरी होगी। कसौली में रुके सुबह सवेरे और देर शाम टहलने के लिये निकलने यहीं यहाँ की सुन्दरता है , यहाँ बर्फ़बारी कम होती है किन्तु घर वाला आनन्द पहाड़ों में मिल जाता है।
देखने की मुख्य स्थान
मनकी पॉइन्ट:
यह एक मन्दिर है तो एयरफोर्स स्टेशन के अन्दर स्थित है। 500 से ज्यादा सीढ़ियों की ख़डी चढ़ाई आपको करनी होगी यदि आप भगवान के दर्शन करने के इच्छुक है। कसौली के मुख्य बाजार से उतर कर यहाँ आना मुश्किल काम होता है रास्ता ख़राब है और सकरा भी। मन्दिर में दर्शन के लिये ४ बजे से पहले ही जाना है होता है। बीच में लन्च टाइम भी होता है उस दौरान कोई प्रवेश नहीं कर सकता। सुरक्षा की दृस्टि से आपको अपना इलेक्ट्रॉनिक सामान स्टेशन के अन्दर ले जाने की इज़ाज़त नही है।
सनसेट पॉइन्ट:
इस जगह से सूर्यास्त देखना श्रेस्कर रहता है। यहाँ से कसौली से दूरदराज के क्षेत्रो का भी उम्दा किस्म का नज़ारा पेश आता है।
गिल्बर्ट ट्रेल्स: बेहद रोमांचक पर खतरनाक ट्रेल है। सर्दी में मौसम में अधिक कोहरा होने पर दुर्घटनाये भी होती है। सावधानी की आवश्यकता है यहाँ पर।
बापिस्ट चर्च
कसौली का मार्केट
शाम के समय यहाँ चहल पहल देखने को मिलती है। यहाँ खाने पीने की दुकानो के आलावा। ऊनी कपड़ो का , पहाड़ों में इस्तेमाल होने वाले कपड़ों की दुकाने मिल जाती है। मार्केट छोटा है किन्तु अनूठी किस्म की चीजो से लब्बो -लुआब बना ही रहता है। मार्केट ख़त्म होते ही BSNL का दफ्तर है और बच्चो के खेलने के लिये पार्क भी है।
लवर पॉइन्ट
प्रेम एक ऐसा विषय है जिसका हर जगह पाया जाना अवश्यम्भावी है। वैसे भी एकान्त प्रेमी युगलों के लिये उत्प्रेरक होता है। सो जाहिर है की ये प्रेमी युगलों के लिये आदर्श स्थान है। और हर हिल स्टेशन की तरह यहाँ भी लवर पॉइन्ट है।